उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में भगदड़ की वजह से 30 लोगों की मौत हो गई है और 60 लोग घायल हुए हैं। यह हादसा मौनी अमावस्या के मौक़े पर हुआ। डीआईजी (महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र) वैभव कृष्ण ने पत्रकारों को बताया कि 30 मृतकों में से 25 की शिनाख्त हो गई है। घायलों का इलाज चल रहा है।
कुंभ मेले का महत्व और भीड़ की समस्या
कुंभ हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। यह हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में एक निश्चित अंतराल पर आयोजित होता है। लंबे समय तक चलने वाले इस मेले में कुछ विशेष दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों तक पहुंच जाती है।
देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु कुंभ मेले में आते हैं। प्रशासन ने इस बार प्रयागराज में 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद जताई है। संगम में स्नान करने की परंपरा से जुड़ी आस्था के कारण भीड़ का अत्यधिक दबाव प्रशासन के लिए चुनौती बन जाता है। छोटी-सी चूक बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है।
कुंभ मेले में पहले भी हुए हादसे
1954 – प्रयागराज कुंभ मेला
1954 के कुंभ मेले में भगदड़ मचने से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। यह भारत के स्वतंत्रता के बाद पहला कुंभ था। 3 फरवरी को मौनी अमावस्या पर संगम तट पर अत्यधिक भीड़ जमा हो गई थी। एक हाथी के बेकाबू होने से भगदड़ मच गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राजनेताओं को मेले में जाने से बचने की सलाह दी थी।
1986 – हरिद्वार कुंभ मेला
14 अप्रैल 1986 को हरिद्वार में हुए कुंभ मेले में भगदड़ से लगभग 50 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय कई राजनेता और मुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, जिससे आम लोगों को तट पर जाने से रोका गया। इससे भीड़ बेकाबू हो गई और हादसा हो गया।
1992 – उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेला
1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला लगा था। इस दौरान मची भगदड़ में करीब 50 लोगों की मौत हो गई थी।
2003 – नासिक कुंभ मेला
2003 के नासिक कुंभ मेले में भी भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हुई थी। घटना तब हुई जब संतों ने चांदी के सिक्के लुटाए। सिक्के पाने के लिए मची आपाधापी के कारण भगदड़ हुई, जिसमें करीब 30 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।
2010 – हरिद्वार कुंभ मेला
2010 के हरिद्वार कुंभ मेले में शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच विवाद हुआ, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।
2013 – प्रयागराज कुंभ मेला
2013 में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में आयोजित कुंभ मेले में रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, फुट ओवरब्रिज पर भीड़ नियंत्रण में न रहने के कारण यह हादसा हुआ था।
निष्कर्ष
कुंभ मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ कई बार बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन जाती है। प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।