उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साईबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले एक मास्टर माइण्ड साईबर अपराधी को थाना मंगलौर क्षेत्र हरिद्वार से किया गया गिरफ्तार ।
उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार से एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है जो विदेशों में बैठे साइबर ठगों को सिम कार्ड भेजता था जिनके जरिए साइबर ठग देश में लोगों को फोन या मैसेज के जरिए इनसे ठगी करते थे। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार अभियुक्त अब तक 20 हजार से ज्यादा सिम विदेशों में भेज चुका है और अब भी सिम कार्ड भेजने की फिराक में था लेकिन उससे पहले ही एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी कामयाबी
प्रदेश में हो रही साइबर ठगी के बढ़ते मामलों की जांच में जुटी उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है एसटीएफ ने हरिद्वार के थाना मंगलोर क्षेत्र से एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है जिसके पास से 1800 से ज्यादा सिम कार्ड दो बायोमेट्रिक मशीन और दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। एसटीएफ का दावा है कि गिरफ्तार अभियुक्त थाईलैंड कंबोडिया म्यांमार के अलावा भारत के कई राज्यों में साइबर ठगों को सिम उपलब्ध कराता था और अब तक 20 हजार से ज्यादा सिम विदेश में भेज चुका है।
ऐसे देते थे घटना को अंजाम
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार अभियुक्त के साथ पूरा गिरोह काम करता है जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर जाकर लोगों को सरकारी सर्वे की बात बताते थे और उन्हें कुछ लालच देकर उनका बायोमेट्रिक लेने के बाद सिम को एक्टिवेट कर लेते थे। इसके बाद इन सिम कार्ड को विदेश और देश के अन्य राज्यों में भेज दिया जाता था जहां से साइबर ठग इन सिम कार्ड का इस्तेमाल करके साइबर ठगी को अंजाम देते थे।
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश भरणे ने बताया कि माह अप्रैल-2024 में माजरी माफी मोहकमपुर देहरादून निवासी एक शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर थाना नेहरु कॉलोनी जनपद देहरादून पर दर्ज मुकदमे की विवेचना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी।पीडित ने बताया कि वह पिछले आठ महीने से फेसबुक पर कथित कल्याणी निवासी चेन्नई नामक फेसबुक फ्रेंड के सम्पर्क में था जिसके द्वारा Metal Advisor का कार्य करना बताया गया था। और वह किसी वेबसाइट पर लोगों को पैसा इन्वेस्ट कर तीनगुना मुनाफा कमाने को कहती थी। उसके द्वारा फेसबुक पर कई ऐसी चैट के स्क्रीनशॉट डाले गये थे जिसमें लोगों ने तीन गुना फायदा होने की बात स्वीकार की गयी थी। उसके द्वारा कई महीनों तक नोटिस करने के बाद खुद भी इन्वेस्टमेंट करने का फैसला किया। जब लाखों रुपए जमा करन पर भी पीड़ित को रिटर्ननहीं मिला तो उसने सवाल जवाब किए। तब ठगों ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। मामले की शिकायत पर एसटीएफ ने विवेचना शुरू की तो घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों आदि की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया और प्राप्त डेटा का गहनता से विश्लेषण करते हुए एविडेंस हासिल किए। जांच में पत लगा कि घटना में प्रयुक्त कॉलिंग मोबाइल नम्बर धारक महिलाओं से घटना के मास्टर माइण्ड अभियुक्त द्वारा सरकारी स्कीम के तहत कप का सेट देने की बात कहकर उनका आधार कार्ड, फोटो व एक मशीन पर अंगूठे का निशान लिया था व उन्हें धोखे में रखकर व झूठ बोलकर उनकी आईडी पर सिम कार्ड निकलवाया गया है।
फिलहाल पुलिस ने इस पूरे मामले में एक अभियुक्त की गिरफ्तारी की है जबकि अभी पुलिस की विवेचना जारी है जिसमें गिरोह से जुड़े कई और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है।