देहरादून।
वन आरक्षी पद के लिए प्रतीक्षा सूची में चयनित युवाओं ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिया है। बुधवार से वन मुख्यालय के बाहर धरना और नारेबाजी करते हुए इन बेरोजगार युवाओं ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत की। उनका आरोप है कि चार महीने बीत जाने के बावजूद, नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक देरी की जा रही है।आंदोलन के पहले दिन मुख्य वन संरक्षक मानव विकास संसा और कार्मिक प्रबंधक मीनाक्षी जोशी ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया। हालांकि, आश्वासन से संतुष्ट न होते हुए, प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन जारी रखा। मीनाक्षी जोशी को प्रदर्शनकारियों की मांग पूरी न होने पर खाली हाथ लौटना पड़ा।
आंदोलन का आज तीसरा दिन है, लेकिन प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि वन विभाग का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी उनकी मांगों को सुनने के लिए सामने नहीं आया है। इस रवैये के कारण युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है। चयनित अभ्यर्थियों का आरोप है कि विभाग उन्हें गुमराह कर रहा है। पूर्व में विभाग के अधिकारी निशांत बर्मा ने जल्द नियुक्ति का आश्वासन दिया था, जिस पर युवाओं ने अपनी वर्दी भी सिलवा ली थी, लेकिन अब वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि वन विभाग न केवल नियुक्ति के संबंध में जवाब देने में असफल रहा है, बल्कि उनकी भावनाओं और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। सभी चयनित अभ्यर्थियों ने मानसिक, सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा और इसे और उग्र किया जाएगा।आंदोलन में शामिल प्रमुख छात्र: सुखबीर सिंह, प्रशांत नेगी, प्रमोद सिंह, ओमकार प्राची, निकिता, दिव्या सहित 160 अन्य छात्र