देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह कदम बजट सत्र के दौरान पहाड़ी समुदाय के लिए दिए गए उनके विवादित बयान के बाद लगातार उठ रहे इस्तीफे की मांगों के बीच उठाया गया। अग्रवाल ने इस्तीफे से पहले शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर “प्रदेश में सौहार्द बनाए रखने” का संकल्प लिया।
क्या था विवाद?
बीते बजट सत्र में सदन के दौरान अग्रवाल ने पहाड़ी लोगों के खिलाफ एक अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी। हालांकि, अग्रवाल ने बाद में दावा किया कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया और वह “गाली वाला शब्द” न तो पहाड़ और न ही मैदान के लिए इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा, “मैंने सदन में उसी दिन स्पष्टीकरण दे दिया था। मेरे भाव गलत नहीं थे।”
भावुक हुए अग्रवाल, कहा- ‘आहत हूं‘
इस्तीफे की घोषणा करते हुए अग्रवाल ने एक प्रेस वार्ता में खुद को भावुक कर दिया और फफक-फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड आंदोलन का हिस्सा रहा हूं, लेकिन आज मुझे साबित करना पड़ रहा है कि मैंने प्रदेश के लिए योगदान दिया है। सोशल मीडिया पर बनाए गए माहौल से मैं आहत हूं। इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।”
शहीद स्मारक पर दी श्रद्धांजलि
इस्तीफे से पहले अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश के विकास और सामाजिक सौहार्द की कामना की।
कैबिनेट में अब पांच कुर्सियां खाली
धामी मंत्रिमंडल में इससे पहले ही चार मंत्री पद खाली थे। अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब खाली पदों की संख्या पांच हो गई है। राजनीतिक गलियारों में इन पदों को भरने और मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा तेज है।