Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन 25 साल में हुए विकास कार्यों और आगामी 25 के विकास के रोड मैप पर चर्चा की गई। सबसे पहले कांग्रेस नेता किशोर उपाध्यक्ष ने अपनी बात रखी। वहीं देर शाम सदन की कार्यवाही को एक दिन और बढ़ दिया गया है। अब सदन बुधवार को भी चलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, प्रदेश सरकार संकल्प है कि उत्तराखंड को सशक्त, समृद्ध व आत्मनिर्भर राज्य बनाएंगे। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस संकल्प को पूरा करने में सफल होंगे।
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि मैं अटल जी का समर्थक हूं। अंतरिम विधानसभा में कांग्रेस के दो ही सदस्य थे, मेरी माता और केसी बाबा। हमें गर्व होना चाहिए सबने मिलकर उत्तराखंड को संवारा। पहाड़-मैदान की बात करना गलत है। एनडी तिवारी ने अटल जी के साथ मिलकर सिडकुल की स्थापना की, जिससे आज भी लाखों परिवार पल रहे हैं। सिडकुल की कंपनियों में टॉप पोस्ट पर 70% नहीं बमुश्किल 5% भी नहीं हैं। ये 70% का आरक्षण नीचे के पदों के लिए रखा गया है। हमारे बच्चे बाहर जा रहे हैं। अल्मोड़ा जैसे शहर में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। वहां से हल्द्वानी आना पड़ता है। कहीं उपकरण नहीं, कहीं स्टाफ नहीं। हमें पहली सरकार से कुछ सीखना है। हमने पहली सरकार में सोर्सिंग की, आज आउटसोर्सिंग की जाती है। हमें सोर्सिंग पर जोर देना होगा। उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सरकार सुप्रीम कोर्ट तक जा रही है। आउटसोर्सिंग की प्रथा ने रोजगार पर आघात लगाया है।
अफसरशाही जनप्रतिनिधियों पर हावी हो रहे हैं। अगर यही करना है तो चुनाव क्यों कराते हैं। ये लोकतंत्र है। ये प्रदेश लिटिगेशन का बनता जा रहा है। इस बार सरकार के खिलाफ सभी संगठनों को कोर्ट जाना पड़ रहा है। राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण सही से नहीं हुआ। उनके लिए सरकार क्या कर रही है।
खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी विधायक निधि से 15 फीसदी कमीशन काटने का मुद्दा उठाते सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सदन में इस पर आत्मचिंतन करना होगा। विधायक निधि में जाने वाले कमीशन को खत्म होगा। हम लोग भी भ्रष्टाचार को जन्म दे रहे हैं। सदन में भाषण देने से राज्य को सुधार नहीं सकते।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आज जो भी विपक्ष के विधायक अपनी बात उठा रहे हैं, उसमें केवल एक ही राजनीतिक दल जिम्मेदार नहीं है। पिछले 25 सालों में कांग्रेस को भी शासन करने का मौका मिला है, केवल शासन ही नहीं बल्कि, राज्य गठन के बाद पहली सरकार कांग्रेस की थी। जिसमें कांग्रेस को उत्तराखंड के विकास की नींव रखने का मौका मिला था। ऐसे में कांग्रेस ने क्या कुछ किया, उसका भी प्रतिबिंब 25 सालों बाद देखने को मिल रहा है।
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि आज हम सब संतोष में हैं क्योंकि सड़कें, बिजली, पानी जिनकी कभी अपेक्षा नहीं करते थे, वो पूरे हुए। 25 साल में हमने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। पशुपालन विभाग एक लक्ष्य समृद्धि के लिए काम कर रहा है। पशु चिकित्सक 15% और पशु सेवा केंद्र 30% बढ़े। 2,15,000 पशुधन का बीमा किया गया। 13 जिलों के 332 पशु चिकित्सालय बने।
विधायक खजानदास ने कहा कि मैंने वो दिन देखा है जब उत्तराखंड का प्रस्ताव 2 अप्रैल 2000 को यूपी की विधानसभा में प्रस्तुत हो रहा था। उत्तराखंड के एक विधायक ने सदन में एक टिप्पणी की थी, मेरा खून खौल गया। विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने जवाब दिया। मंत्री निशंक ने उसका जवाब दिया था।
हम आज गढ़वाल, कुमाऊं, मैदानी क्षेत्र की बात करते हैं। हमें ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। मैं पहाड़ का व्यक्ति, भाजपा ने चलना सिखाया। आज देहरादून जैसे शहर का विधायक बना दिया। जिस गति से पहाड़ का विकास होना चाहिए था वो 25 साल में नहीं हो पाया। आने वाले 25 वर्षों में हम इस राज्य को शहीदों के सपने का प्रदेश बना सकते हैं।
आईटी पार्क की सोच एनडी तिवारी की थी। आज उसको हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है। 2022 में मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि हम सत्ता में आएंगे तो समान नागरिक संहिता लाएंगे। जब इसे लागू किया गया तो हमारे पीएम, गृह मंत्री ने तारीफ की।
