Uttarkashi: अब नहीं होगा ऑगर मशीन से काम, सीएम ने बताई आगे की तैयारी

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 14वां दिन है। पीएम मोदी ने एक बार फिर से सीएम धामी से रेस्क्यू के बारे में जानकारी ली है।


Uttarkashi Tunnel Rescue Operation  Update:  सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) चल रहा है। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं, लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज फिर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।

हैदराबाद से आ रही प्‍लाज्‍मा मशीन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग से श्रमिकों को निकालने के लिए सभी विकल्पों पर विचार हो रहा। उन्‍होंने बताया कि ड्रिलिंग में फंसे ऑगर मशीन की 25 मीटर ब्‍लेड अभी और निकालनी है। मशीन के टूटे हिस्से कल तक बाहर निकाल लिए जाएंगे। हैदराबाद से प्‍लाज्‍मा मशीन मंगवाई गई है। अभी एक घंटे में एक मीटर टुकड़े काटे जा रहे हैं। प्लाज्मा कटर से एक घंटे में 4 मीटर टुकड़ा काटा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की जाएगी।

मजदूरों को निकालने पर है पूरा ध्यान- सीएम धामी

सीएम ने कहा कि सभी मजदूर ठीक है। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक है। बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। सीएम ने कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकलाने पर है।

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हर कोई दे रहा अपना सौ प्रतिशत- सीएम धामी

सीएम धामी ने रेस्क्यू पर कहा कि हर कोई काम कर रहा है। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और सभी एजेंसियां अपना सौ प्रतिशत काम कर रही हैं। पीएम मोदी स्थिति और श्रमिकों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं और उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा

पीएम मोदी ने फिर से रेस्क्यू के बारे में जानकारी ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सिलक्यारा स्थित निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन सिलक्यारा में आई बाधा के संबंध में जानकारी ली। सीएम ने उन्हें बताया कि इस्पात की बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने से कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा।

अब नहीं दिखेंगे ऑगर मशीन – अर्नोल्ड डिक्स

सुरंग बचाव अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ऑगर मशीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। अब कोई ऑगर मशीन नहीं होगी। उससे ड्रिलिंग संभव नहीं। अब दूसरे विकल्प ही रास्ता बचे है। वर्टिकल, दूसरे छोर से और मैनुअल खुदाई। यानि रेस्क्यू अभी लंबा खींचेगा।