कौन है उत्तराखंड की “मांगल गर्ल” नंदा सती? जानिए सबकुछ

पिडर घाटी के नारायणबगड़ ब्लाक की रहने वाली नंदा सती पहाड़ी लोकगीतों के संरक्षण व संवर्धन में जुटी हुई हैं। वर्तमान में नंदा सती उत्तराखंड की मांगल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध है।


उत्तराखंड में मांगल गीतों का विशेष महत्व है। शादी हो या कोई ओर शुभ कार्य बिना मांगल गीतों के पूर्ण नहीं होते हैं, लेकिन बदलते वक्त के साथ पहाड़ की लोक संस्कृति की पहचान ये मांगल गीत विलुप्त होने की कगार पर है। पुरानी पीढ़ी की कुछ महिलाएं अभी भी इन गीतों को संरक्षित किये हुए है, लेकिन नई युवा पीढ़ी इन मांगल गीतों से दूर होती नजर आती है। हालांकि आज भी कुछ युवा है जो इन विलुप्त होती उत्तराखंड की परम्परा को दुबारा जीवंत करने की कोशिश में जुटे है। इन्हीं में से एक नाम है नंदा सती.. जो आज उत्तराखंड की मांगल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध है।

कौन है नंदा सती?

वर्तमान में डीजे कल्चर तेजी से प्रचलन में आ रहा है। युवा पीढ़ी आज जिस उम्र में मोबाइल, मेट्रो और गैजेट की दुनिया में खोई रहती है उस उम्र में नंदा नें मांगल गीतों के संरक्षण और संवर्धन के जरिये एक नयी लकीर खींची हैं। वह युवाओं में मांगल गीतों के प्रति रूची बढ़ाने व मांगल गीतों को जीवंत करने का सराहनीय कार्य कर रही हैं। 22 साल की नंदा सती सीमांत जनपद चमोली के पिंडर घाटी के नारायणबगड ब्लॉक की रहने वाली है। नंदा के पिताजी ब्रह्मानंद सती पंडिताई का कार्य करते हैं, जबकि मां गृहणी है। तीन बहिनों में नंदा सबसे छोटी हैं जबकि उनका एक छोटा एक भाई भी हैं।

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नंदा बहुमुखी प्रतिभा की धनी

बहुमुखी प्रतिभा की धनी नंदा बचपन से ही शिक्षा, साहित्य, संगीत, वादन एवं क्रीड़ा जैसे अनेक क्षेत्रों में अग्रणी रही है। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त करने वाली नंदा ने बालिका इंटर कॉलेज नारायण बगड़ से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से उन्होंने संगीत विषय में एमए किया है।

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बेटियां खेत खलिहान और चूल्हा-चौका तक ही सीमित नहीं

नंदा सती को इस बार संगीत विषय में टॉप करने पर राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा मास्टर ऑफ आर्ट (संगीत विषय) में गोल्ड मेडल दिया गया। राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल मिलने से मांगल गर्ल नंदा सती ने पहाड़ का नाम रौशन करने के साथ ही पहाड़ की बेटियों को संदेश दिया कि आज पहाड़ की बेटियां केवल खेत खलिहान, घास लकड़ी और चौका चूल्हा तक ही सीमित नहीं हैं।

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नंदा सती मांगल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध

नंदा सती का शुरू से ही संगीत में रूची थी। यही कारण रहा की उच्च शिक्षा में आने के बाद भी नंदा सती ने करियर के रूप में संगीत को चुनते हुए शिक्षा हासिल की। लॉकडाउन के दौरान नंदा सती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से उत्तराखंड के लोकगीतों व मांगल को गाते हुए शेयर किया। देखते ही देखते उत्तराखंड में नंदा सती को मांगल गर्ल के रूप में शोहरत मिल गई।

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युवाओं के लिए मिसाल है मांगल गर्ल

22 साल की छोटी सी उम्र में नंदा सती द्वारा गाये जानें वाले मांगल गीतों और लोकगीतों को सुनकर हर कोई अचंभित हो जाता है। नंदा सती उत्तराखंड के लोक गीतों को तबला व हारमोनियम की धुन पर सुनाती हैं। हारमोनियम पर उनकी पकड़ वाकई अदभुत है। मांगल गीतों की शानदार प्रस्तुति पर उनकी जादुई आवाज और हारमोनियम पर थिरकती अंगुलियां लोगों को झूमने पर मजबूर कर देती है। मांगल गर्ल नंदा सती नें अपनी छोटी सी उम्र में मांगल गीतों को सहेजने का जो बीडा उठाया है, वो आज अपनी परम्परा और अपनी संस्कृति से बिमुख हो रहे युवाओं के लिए एक प्रेणाश्रोत हैं।

ये है यूट्यूब चैनल

आप मांगल गर्ल नंदा सती के गाये मांगल और लोकगीतों को उनके यूट्यूब चैनल पर भी सुन सकते हैं। Nanda sati के नाम से उनका यूट्यूब चैनल है।