Video: भविष्यबद्री के कपाट भी शीतकाल के लिए हुए बंद

मान्यता है कि जिस दिन नरसिंह भगवान की कलाई उनके शरीर से अलग हो जाएगी, उस दिन जय विजय नामक पर्वत मिल जाएंगे। उसके बाद भगवान बद्री विशाल भविष्यबद्री मे लोगों को दर्शन देंगे।


रिपोर्ट सोनू उनियाल

चमोली। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही भविष्यबद्री मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए है।

बता दे कि जोशीमठ से 24 किमी दूर भविष्यबद्री का मंदिर है। मान्यता है कि जिस दिन नरसिंह भगवान की कलाई उनके शरीर से अलग हो जाएगी उस दिन जय विजय नामक पर्वत मिल जाएंगे जिसके बाद बद्रीनाथ धाम का रास्ता अगम्य हो जाएगा। उसके बाद भगवान बद्री विशाल भविष्यबद्री मे लोगों को दर्शन देंगे।

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कीनिया से आई पूजा का कहना है कि वो पहली बार भविष्य बद्री दर्शन करने आई उनको बहुत आनंद आया। वो अब तक सप्त बद्री के दर्शन कर चुकी है।

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