टनल में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने के लिए अब पांच मोर्चों से तैयारी

उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए लगातार कोशिश जारी है। इस टनल में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे हैं। जिनको बाहर निकालने के लिए अब पांच अलग-अलग जगह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है ।


Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में 41 श्रमिक फंसे हैं।160 घंटे से अधिक वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक किसी को भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। सुरंग के भीतर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान अब सुरंग में कंपन होने से मलबा गिर रहा है जिससे खतरा पैदा हो गया। जिसके बाद ऑगर मशीन से टनल में ड्रिलिंग बंद कर दी गई है।

अब पांच प्लान पर एक साथ काम शुरू होगा

नई रणनीति के तहत सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अब पांच प्लान पर एक साथ काम शुरू होगा। इसमें राज्य व केंद्र की छह एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इन पांच प्लान में सुरंग के सिलक्यारा छोर, बड़कोट छोर और सुरंग के ऊपर और दाएं और बाएं से ड्रिलिंग कर रास्ता तैयार किया जाएगा। जिससे अंदर फंसे सभी मजदूरों को बचाया जा सके। यह जानकारी शनिवार को पूर्व पीएमओ सलाहकार भास्कर खुल्बे ने दी है।

भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज पीएमओ की टीम के साथ एक्‍सपर्ट्स ने पूरे इलाके और जंगल का मुआयना किया है। इसके साथ ही कुछ जगहाें को मार्क भी किया गया है। टनल में फंसे श्रमिकों को जल्‍द से जल्‍द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है।

अन्‍य स्‍थानों से भी रेस्‍क्‍यू की कोशिश

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में एक्‍सपर्ट्स ने कहा कि पुराना रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन उसी गति से जारी रहेगा, लेकिन अन्‍य स्‍थानों से भी बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर मैंपिंग करने आई टीम को सभी स्‍थान दिखा दिए गए हैं और जंगल में कुछ पेड़ काटकर वहां मशीनें लगाई जा रही हैं। जंगल में रास्‍ता बनाना और हैवी मशीनों को वहां तक पहुंचाने के लिए सड़क बन रही है। सारे काम एक्‍सपर्ट्स की निगरानी में हो रहे हैं।

ड्रिलिंग से रास्‍ता बनाना और पाइप से श्रमिकों को बाहर निकालने की है योजना

पुरानी योजना के अनुसार ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 900 मिमी बड़े व्यास के छह मीटर लंबे पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक रास्ता बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं। टनल के मलबे को भेदकर स्टील के कई पाइप के जरिए ‘निकलने का रास्ता’ बनाने की योजना पर मंगलवार और शुक्रवार को तकनीकी दिक्‍कत आने से कुछ समय के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन रोका गया था।

अब ऊपर और साइड ड्रिलिंग की तैयारी

सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अब सुरंग के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग की तैयारी है। वहीं बैकअप के तौर पर इंदौर से मंगवाई गई एक और ऑगर मशीन शुक्रवार देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। शनिवार दोपहर तीन ट्रकों के जरिये इन मशीनों को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया।

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हो रही देरी पर मजदूरों का हल्लाबोल

नई रणनीति के तहत मजदूरों को निकालने में अब और समय लग सकता है। एक तरफ जहां टनल में फंसे लोग एक-एक पल बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके परिजन टनल के बाहर उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद परेशान हैं। नाराज परिजनों ने आज सुबह भी कंपनी की लापरवाही सामने आने पर विरोध प्रदर्शन किया था।

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श्रमिकों के परिजनों को धैर्य बनाए रखने की अपील

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिल्क्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जाने की बात कही है। सीएम का कहना है कि अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर सहित दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के काम में डटी हुई है। वही सीमए धामी ने यह भी कहा है कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। सिल्क्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोला जाए और उनके रहने खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए। वहीं उन्होंने इस घड़ी में श्रमिकों के परिजनों को धैर्य बनाए रखने की अपील भी की है।

सुरंग में 40 नहीं 41 मजदूर 

बता दें कि सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद सुरंग में फंसे 40 मजदूरों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। गत शुक्रवार दिनभर चली एक अन्य व्यक्ति के सुरंग में फंसे होने की अफवाह पर देर रात मुहर लग गई। कंपनी प्रबंधन ने जिला प्रशासन को मुजफ्फरपुर बिहार के दीपक कुमार के सुरंग में फंसे होने की सूचना दी है।