दुनिया में आज क्रिसमस पूरे धूमधाम से मनाया गया। उत्तराखंड में भी क्रिसमस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वहीं क्रिसमस पर्व के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रतिभाग किया और सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में देहरादून के विभिन्न चर्चों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर क्रिसमस केक काटने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत क्रिसमस कैरोल के मधुर गायन से हुई, जिसमें बच्चों और युवाओं ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में सेंट जॉन्स चर्च, सेंट मॉरिसन मेमोरियल चर्च, सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च, सेंट थॉमस चर्च के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर कैरोल गायन किया।
राज्यपाल ने कहा कि क्रिसमस प्रेम, करुणा और सेवा का पर्व है, जो हमें आपसी सद्भाव और एकता की सीख देता है। उन्होंने इस अवसर को सभी धर्मों और समुदायों के बीच समन्वय और भाईचारे को मजबूत करने का एक आदर्श अवसर बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत हमें सभी त्योहारों को मिल-जुलकर मनाने की प्रेरणा देती है, जिससे समाज में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने सभी उपस्थित लोगों को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर भी मौजूद रही।
क्यों मनाते हैं क्रिसमस?
क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस प्रेम, शांति, और भाईचारे का संदेश देता है। यह लोगों को आपसी सहयोग, दया और करुणा की भावना को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।