Congress Manifesto 2024: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र न्याय पत्र नाम से जारी कर दिया है। न्याय पत्र में तमाम वर्गों और क्षेत्रों के लिए कुल 25 गारंटियों पर जोर दिया गया है।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी किया। इस घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया गया है। इसमें तमाम वर्गों के लिए न्याय पर जोर दिया गया है जिसमें महिला, युवा, किसान, गरीब आदि शामिल हैं।
कांग्रेस का घोषणा-पत्र जारी
पार्टी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है और यह सरकार अमीरों के लिए है। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा खत्म करेंगे और रिजर्वेशन सीमा बढ़ाएंगे, जातिगत जनगणना कराएंगे, कर्जामाफी आयोग बनेगा, रोजगार की गारंटी शामिल है।
घोषणा-पत्र में क्या है कांग्रेस के वादे?
48 पन्ने के न्याय पत्र में तमाम वर्गों और क्षेत्रों के लिए न्याय के 10 स्तंभों जोर दिया गया है। यह घोषणा पत्र पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में तैयार किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बताया कि 19 मार्च को कांग्रेस कार्य समिति ने इसे मंजूरी दी थी। न्याय पत्र जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान न्याय के पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इनमें युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गईं थीं। इनमें 25 गारंटियां निकलती हैं। इन सभी को भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है।
किस वर्ग के लिए क्या है कांग्रेस के वादे…
1. राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना।
2. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50% का कैप हटाया जाएगा।
3. शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू किया जाएगा।
4. अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के भीतर भरा जाएगा।
5. सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में संविदा भर्तियों की जगह नियमित भर्तियां और अभी जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण किया जाएगा।
6. भूमिहीनों को जमीन दी जाएगी।
7. व्यापक परामर्श के बाद पार्टी LGBTQIA+ समुदाय से संबंधित जोड़ों के बीच सिविल यूनियनों को मान्यता देने के लिए एक कानून लाया जाएगा।
युवाओं के लिए किए गए वादे…
1. पहली नौकरी पक्की गारंटी देने के लिए शिक्षु (अप्रेंटिस) एक्ट, 1961 को हटाकर प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) अधिकार अधिनियम लाया जाएगा। यह कानून 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक के लिए, निजी एवं सरकारी क्षेत्र की कंपनी में एक साल का प्रशिक्षुता कार्यक्रम प्रदान करेगा। इस कानून के तहत, हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए प्रति वर्ष का मानदेय दिया जाएगा।
2. नौकरी परीक्षाओं के लिए पेपर लीक (प्रश्न पत्र लीक) होने के मामलों का निपटारा करने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों का गठन और पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा।
3. केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर स्वीकृत लगभग 30 लाख रिक्त पदों को भरा जाएगा।
4. स्टार्ट-अप के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना का पुनर्गठन किया जाएगा और उपलब्ध फंड का 50 प्रतिशत, 5,000 करोड़ रुपए देश के सभी जिलों में समान रूप से आवंटित किया जाएगा।
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5. उन आवेदकों को एक बार कि राहत मिलेगी, जो महामारी के समय 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के दौरान सरकारी परीक्षा नहीं दे सके।
6. सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त किया जाएगा।
7. सभी छात्र शैक्षिक ऋणों के संबंध में 15 मार्च 2024 तक ब्याज सहित ऋण की देय राशि को माफ किया जाएगा और बैंकों को सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी।
8. 21 वर्ष से कम आयु के प्रतिभाशाली और उभरते खिलाड़ियों को प्रति माह 10,000 रुपये की खेल छात्रवृत्ति प्रदान किया जाएगा।