ISRO ने लॉन्च किया XpoSAT सैटेलाइट, अब ब्लैक होल की रहस्यमयी दुनिया का खुलेगा राज

ISRO XPoSat Launch: इसरो ने साल के पहले दिन अंतरिक्ष मिशन में एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च कर दिया है। जो ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।


ISRO XPoSat Mission: भारत ने साल 2024 की शुरुआत खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उपग्रह भेज कर की है। सुबह 9.10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी ‘एक्सपोसैट’ को रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) सी 58 के जरिए लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी रॉकेट श्रृंखला का 60वां प्रक्षेपण है। इस उपग्रह की लाइफ पांच साल की है। इस मिशन में एक्सपोसैट के साथ ही 10 अन्य पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं। जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।

ISRO XPoSat Mission Launch What X-Ray Polarimeter Satellite Study Black Hole Neutron Stars | साल के पहले दिन ISRO ने रचा इतिहास, पृथ्वी से 650 KM ऊपर स्पेस में चक्कर लगाएगी एक्सपोसैट

इसरो ने रचा इतिहास

इसरो के चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन के बाद यह देश का अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक नया ऐतिहासिक कदम है। इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया। SLV-C58 XPoSat मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, “1 जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल मिशन पूरा हो गया है।”

क्यों खास है ये मिशन?

इसरो ने बताया कि इस उपग्रह का लक्ष्य सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली गहन एक्स-रे का पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण पता लगाना है। यह किस आकाशीय पिंड से आ रही हैं, यह रहस्य इन किरणों के बारे में काफी जानकारी देते हैं। पूरी दुनिया में एक्स-रे ध्रुवीकरण को जानने का महत्व बढ़ा है। यह पिंड या संरचनाएं ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे (तारे में विस्फोट के बाद उसके बचे अत्यधिक द्रव्यमान वाले हिस्से), आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद नाभिक आदि को समझने में मदद करता है। इससे आकाशीय पिंडों के आकार और विकिरण बनाने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।

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एक्सपोसैट में दो उपकरण लगाए गए हैं। पहला पोलरीमीटर इंस्ट्रूमेंट इन एक्सरे यानी पॉलिक्स। इसे रमन शोध संस्थान ने बनाया है। वहीं एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड टाइमिंग यानी एक्सपेक्ट दूसरा उपकरण है, जिसे यूआर राव उपग्रह केंद्र बेंगलूरू ने बनाया है।