उत्तराखंड में पिछले साल सामान्य से बहुत कम हुई बारिश, फसलों पर इसका सीधा असर..

साल 2024 भी शुरू हो चुका है लेकिन मौसम का मिजाज अब भी जस के तस बना हुआ है, यानि बारिश और बर्फबारी का कोई आंकलन अबतक दर्ज नहीं किया गया है।


प्रदेश में बीते साल की अगर बात करें तो जिस स्तर से बारिश और बर्फबारी होनी चाहिए थी वह प्रदेश में कहीं भी देखने को नही मिली,ऐसे में बारिश और बर्फबारी ना होने से इसका सीधा असर फसलों व बागवानी पर भी देखने को मिला,बीते वर्ष बारिश का क्या आंकलन रहा?

पिछले साल बारिश सामान्य से बहुत कम हुई 

जानकारी देते हुए मौसम वैज्ञानिक विक्रम सिंह ने कहा कि पिछले साल यानि 2023 में बारिश सामान्य से बहुत कम दर्ज की गई है,चाहे मैदानी इलाकों की बात करें या फिर पहाड़ी क्षेत्रों की,हालांकि मैदानी इलाकों के मुकाबले पहाड़ी क्षेत्रों में छुटपुट बारिश व बर्फबारी बीते साल जरूर कहीं–कहीं देखने को मिली थी, लेकिन जिस स्तर से होनी चाहिए थी वह मापदंड बिल्कुल पूरा नहीं हो पाया है,चाहे प्री मानसून सीजन की बात करें या फिर पोस्ट मानसून सीजन की,बारिश का स्तर सामान्य से बहुत ही कम देखने को मिला है..

 मौसम का मिजाज अब भी जस के तस

साल 2024 भी शुरू हो चुका है लेकिन मौसम का मिजाज अब भी जस के तस बना हुआ है, यानि बारिश और बर्फबारी का कोई आंकलन अबतक दर्ज नहीं किया गया है।

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मतलब साफ है की जिस तरह से बिना बारिश और बर्फबारी के इन दिनों पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ चुका है, साथ ही मैदानी इलाकों में जिस तरह से कोहरे ने सबको अपने आगोश में ले लिया है उससे आम जनता की मुश्किलें भी बढ़ना शुरू हो गया।