भारत सरकार ने पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत की है। दोनों देशों के बीच एक जनवरी को वह लिस्ट साझा की गई है, जिसमें जेलों में बंद कैदियों के नाम और उनकी संख्या का विवरण है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह सभी भारतीय नागरिकों, जिनकी पहचान की गई है, उनकी रिहाई और सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाए।
पाकिस्तान की जेलों में कितने भारतीय बंद?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान ने जो सूची भारत को सौंपी है, उसके अनुसार पाकिस्तान की जेलों में 49 भारतीय नागरिक बंद हैं। इसके अलावा, 217 भारतीय मछुआरे भी वहां कैद हैं। ये मछुआरे समुद्र में सीमा उल्लंघन के कारण गिरफ्तार किए गए थे। भारत सरकार ने पाकिस्तान से इन नागरिकों और मछुआरों की जल्द रिहाई की मांग की है।
कांसुलर एक्सेस की मांग
भारत ने पाकिस्तान से उन 18 भारतीय नागरिकों और मछुआरों को कांसुलर एक्सेस प्रदान करने का आग्रह किया है, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं, लेकिन अब तक उन्हें कांसुलर एक्सेस नहीं मिला है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह इन भारतीयों को पूरी सुरक्षा प्रदान करे, जब तक उनकी रिहाई और स्वदेश वापसी नहीं हो जाती।
भारतीय मछुआरों और नागरिकों की रिहाई में प्रगति
भारत सरकार की कड़ी कोशिशों के कारण 2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरे और 71 नागरिक पाकिस्तान से वापस लाए गए हैं। इनमें से 2023 में 478 भारतीय मछुआरे और 13 नागरिक कैदी पाकिस्तान से स्वदेश लाए गए हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि जिन भारतीय मछुआरों और नागरिकों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, उनकी रिहाई में भी तेजी लाई जाए।
द्विपक्षीय समझौता और सूची का आदान-प्रदान
भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 में एक द्विपक्षीय समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों को हर साल जनवरी और जुलाई में अपनी जेलों में बंद कैदियों की सूची साझा करनी होती है। इस बार की सूची में पाकिस्तान ने भारत को सूचित किया है कि उसकी जेलों में 254 भारतीय नागरिक बंद हैं, जबकि भारत ने पाकिस्तान को 381 पाकिस्तानी कैदियों की सूची सौंपी है, जिनमें 81 मछुआरे भी शामिल हैं। भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह उन भारतीय नागरिकों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं, और उनकी शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए कदम उठाए।
भारत और पाकिस्तान के बीच यह सूची का आदान-प्रदान द्विपक्षीय संबंधों में पारदर्शिता और मानवीय पहलुओं की अहमियत को दर्शाता है। मोदी सरकार का फोकस पाकिस्तान से जल्द से जल्द इन भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करना है, ताकि दोनों देशों के बीच मानवीय और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत किया जा सके।