देहरादून। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने आज विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में महिलाओं की और बालिकाओं की सुरक्षा पर सर्वोच्च बल देते हुए इसे सुनिश्चित करने और उत्तराखण्ड को महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए सबसे सुरक्षित प्रदेश बनाने के निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त महिला कल्याण संस्थाओं के नियमित निरीक्षण को बढ़ाने व वहां पर सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने पर भी बैठक में चर्चा की व साथ ही कहा कि वात्सल्य योजना के अंतर्गत अपात्र हो चुके लाभार्थियों को हटाया जाए। साथ ही बैठक में एकल महिला नीति, क्रैच और नंदा गौरा जैसी कल्याणकारी योजनाओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
मंत्री ने अधिकारियों को आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को तेज करने व रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने हेतु भी निर्देशित किया है।
मंत्री द्वारा प्रदेश के 5 जनपदों में भारत सरकार की ओर से निर्देशित आंगनबाड़ी कम क्रैच केन्द्रों के बारे में भी समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि विभाग अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में 2 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी कम क्रैच केन्द्र के मॉडल के रूप में विकसित करने जा रहा है जिसकी रूपरेखा तैयार करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जुलाई 2024 तक का मानदेय दिया जा चुका है। उन्होंने अधिकारियों को नन्दा गौरा योजना के ऑनलाईन आवेदन के संबंध में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिये। मंत्री ने अवगत कराया कि 30 नवम्बर 2024 तक नन्दा गौरा योजना के ऑनलाईन आवेदन किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारियों को भी नन्दा गौरा योजना के संबंध में विभाग द्वारा दिशा-निर्देश भेजे जाएं जिससे सभी जनपदों में ससमय नन्दा गौरा योजना के ऑनलाईन आवेदन पूर्ण किये जा सकें।
इस अवसर पर बैठक में अपर सचिव/निदेशक, महिला कल्याण, प्रशान्त आर्य, सीपीओ, महिला कल्याण, मोहित चौधरी, उपनिदेशक, महिला कल्याण, विक्रम सिंह एवं विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।