रायबरेली में राहुल गांधी की रिकॉर्ड जीत, BJP प्रत्याशी को तीन लाख 90 हजार वोटों से हराया

Lok Sabha Elections 2024: रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है। यह बात एक बार फिर साबित हो गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी रायबरेली से रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को करीब तीन लाख 90 हजार वोटों से हराया दिया है। 


Raebareli Election 2024 Result: उत्तर प्रदेश में रायबरेली की सीट एक बार फिर से कांग्रेसियों के लिए खुशी लेकर आई। कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी यहां बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को करीब तीन लाख 90 हजार वोटों से हराया।

राहुल गांधी ने भाजपा को 3,90,030 वोटों से हराया 

रायबरेली लोकसभा सीट पर गठबंधन प्रत्याशी राहुल गांधी की जीत ने कांग्रेसियों को काफी लंबे असरे बाद झूमने का मौका दिया। इस बार की जीत बहुत खास रही है। गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के तौर पर राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरे थे। रायबरेली सीट पर राहुल गांधी को 6,87,649 वोट मिले। बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह के पक्ष में 2,97,619 वोट पड़े। राहुल गांधी ने 3,90,030 वोटों से बढ़त हासिल की। रायबरेली में बहुजन समाज पार्टी के ठाकुर प्रसाद यादव 21,624 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।

रायबरेली, अमेठी कांग्रेस का मजबूत गढ़

यूपी की रायबरेली सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी यहां से लंबे समय तक सांसद रही हैं। इस बार सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव ना लड़कर राज्यसभा से संसद में जाने का फैसला किया था।रायबरेली के साथ अमेठी भी कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। लेकिन पिछले चुनाव में यहां राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस ने स्मृति ईरानी से यह सीट छीन ली है।

वायनाड में एनी राजा को दी शिकस्त 

केरल की वायनाड लोकसभा सीट की बात करें तो यहां राहुल गांधी ने 3,64,422 वोटों से जीत हासिल की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के पक्ष में 6,47,445 वोट पड़े। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की एनी राजा दूसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 2,83,023 वोट मिले। बीजेपी प्रत्याशी के. सुंदरम 1,41,045 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।

बता दें कि राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली, दोनों सीटों पर चुनाव जीत गए हैं, लेकिन जीत के बाद राहुल गांधी को दोनों में से एक सीट को चुनना होगा और एक सीट छोड़नी पड़ेगी। राहुल जिस सीट को छोड़ेंगे, 6 महीने के भीतर वहां फिर से चुनाव कराने होंगे।