रिपोर्ट -सोनू उनियाल
ऋषिकेश एम्स अस्पताल के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को देहरादून एसएसपी जांच के लिए खुद ऋषिकेश एम्स पहुंचे, उन्होंने एम्स अस्पताल के घटनास्थल का निरीक्षण किया। वहीं एम्स के डायरेक्टर और सिक्योरिटी इंचार्ज से इस मामले को लेकर बातचीत भी की। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि वायरल वीडियो इमरजेंसी वार्ड का न होकर मरीजों के एडमिट से पहले रुकने के लिए बनाई गई वेटिंग गैलरी का है।
एसएसपी अजय सिंह ने किया ऋषिकेश एम्स का निरीक्षण
आपको बता दें ये मामला 19 मई का बताया जा रहा है जब पीड़ित डॉक्टर ने पुलिस को लिखित तहरीर दी है कि ऑपरेशन थिएटर के अंदर महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ हुई है। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। इसके बाद आज एसएसपी देहरादून जांच के लिए खुद ऋषिकेश एम्स पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
मामले पर बोले एसएसपी..
एम्स में निरीक्षण के बाद देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया की पुलिस को छेड़ छाड़ मामले में तहरीर दी गई थी और आरोपी के खिलाफ लगातार आक्रोश डॉक्टर्स के बीच दिखाई पड़ा । इसी बीच आरोपी साइकेट्रिस्ट वार्ड में एडमिट हो गया था और इसके विरोध ने बाहर ढाई से तीन सौ लोग जमा हो गए । जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई । जब पुलिस वहां पहुंची तो देखा की वहां पर लोग आक्रोश में और पिटाई करने की आवेश में थे ।
ये भी पढ़ें 👉:Rishikesh AIIMS: आरोपी को पकड़ने के लिए इमरजेंसी वार्ड में घुसी पुलिस की गाड़ी..video वायरल
पुलिस द्वारा बहुत समझने के बाद भी जब वे नही माने तो एम्स एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी ऑफिसर द्वारा इमरजेंसी एग्जिट प्लान बना हुआ है जहां से रैंप का प्रयोग कर गाड़ी उपर ले जाकर आरोपी को निकाला गया ।
वहीं एसएसपी ने बताया की जो वीडियो वायरल हो रहा है वो कोई वार्ड नही है बल्कि वेटिंग एरिया है जहां सिक्योरिटी ने पुलिस की गाड़ी को गाइड किया जिसका कारण ये था की कहीं डॉक्टर्स या नर्सिंग स्टाफ के बीच झगड़ा न हो । एसएसपी ने कहा की उस वक्त परिस्थिति के हिसाब से जो भी किया गया ठीक किया गया।