Tungnath Temple: विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद पंचकेदारों में प्रसिद्ध हिमालय क्षेत्र के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर विराजमान तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट भी विधि-विधान से खुल गए हैं।
Uttarakhand Chardham Yatra: पंचकेदारों में प्रसिद्ध हिमालय क्षेत्र के सबसे ऊंची पर्वत शिखर पर विराजमान तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट विधि विधान के साथ सुबह 10:15 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस पल के साक्षी बनने के लिए देशभर से आए 500 से अधिक श्रद्धालु मंदिर परिसर में उपस्थित रहे और उन्होंने “हर-हर महादेव” के जयघोष के साथ बाबा तुंगनाथ का वंदन किया।
तृतीय केदार तुंगनाथ के खुले कपाट
गुरुवार को श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली परंपरा के अनुसार भूतनाथ मंदिर से प्रस्थान कर चोपता में रात्रि प्रवास हेतु पहुंची थी। 2 मई की सुबह यह डोली चोपता से तुंगनाथ मंदिर पहुंची, जिसके बाद पूर्वाह्न सवा दस बजे कपाटोद्घाटन संपन्न हुआ।
बता दें कि 30 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलते ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है। इस कड़ी में 2 अप्रैल को पहले सुबह 7 बजे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी खोले गए। इसके पंचकेदारों के तृतीय केदार के रूप में प्रतिष्ठित बाबा तुंगनाथ के कपाट खुले।
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पंचकेदार में से एक बाबा तुंगनाथ का मंदिर भी मौजूद है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है, जो समुद्र तल से करीब 3,480 मीटर की ऊंचाई पर है।
पंचकेदारों के तृतीय केदार के रूप में प्रतिष्ठित बाबा तुंगनाथ की डोली का विशेष धार्मिक महत्व है। केदारनाथ, मध्यमहेश्वर और तुंगनाथ-इन तीनों केदारों में से केवल बाबा तुंगनाथ की डोली ही नृत्य करती है। मान्यता है कि जब भोलेनाथ अपने क्रोध को प्रकट करना चाहते हैं, तो वह बाबा तुंगनाथ की डोली के माध्यम से प्रकट होता है। यह यात्रा श्री केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की ओर बढ़ने वाले श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था से भर देने वाला एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है।
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मुख्य पुजारी लम्बोधर प्रसाद मैठाणी ने कहा कि विश्व की सबसे ऊँचे पर्वत शिखर पर विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट आज शुभ मुहूर्त कर्कलग्न पर 6 महीनों के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनों हेतु खुल गए हैं। उन्हें देश दुनिया से आने वाले भक्तों से श्री तुंगनाथ जी के दर्शनों को आने की अपील की है।