CM Atishi Oath: दिल्ली की सबसे युवा और तीसरी महिला CM बनीं आतिशी, जानें- उनके राजनीतिक सफर के बारे में… 

Delhi CM Atishi Oath Ceremony: आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। राजनिवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए।

एलजी ने आतिशी के अलावा पांच मंत्रियों सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में आतिशी के माता-पिता, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, विपक्ष के नेता विजेन्दर गुप्ता, भाजपा सांसद मनोज तिवारी शामिल हुए।

दिल्ली की तीसरी महिला CM बनीं आतिशी

आतिशी से पहले भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली में मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। कांग्रेस की शीला दीक्षित 1998 में दिल्ली की सीएम बनी थीं। वह 15 साल और 25 दिन तक इस पद पर बनी रहीं। जबकि बीजेपी की फायरब्रांड नेता रहीं सुषमा स्वराज 1998 में केवल 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं। सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं।

दिल्ली की सबसे युवा CM हैं आतिशी

आतिशी को अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से भी एक माना जाता है। वहीं आतिशी अब दिल्ली की सबसे युवा सीएम भी बन चुकी हैं। पहले यह रिकॉर्ड अरविंद केजरीवाल के नाम पर था। केजरीवाल 45 साल की उम्र में सीएम बने थे। लेकिन अब 43 वर्षीया आतिशी दिल्ली की सबसे युवा सीएम बन चुकी हैं।

17 सितंबर को आतिशी का नाम हुआ था तय

गौरतलब हो कि शराब नीति घोटाला में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल ने जेल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की थी। जिसके बाद उन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री के लिए चुना था। AAP विधायकों ने 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी का नाम CM के रूप में फाइनल किया था।

कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक

दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक आतिशी आम आदमी पार्टी की नेता हैं और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की सदस्य हैं। सीएम बनने से पहले तक आतिशी केजरीवाल सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रही थी। इससे पहले उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया है।

2023 में सिसोदिया के जेल जाने पर बनीं थी मंत्री

मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद 2023 में आतिशी को पहली बार केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली। केजरीवाल ने जेल में रहते करीब एक महीने पहले ही स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए भी आतिशी के ही नाम का प्रस्ताव एलजी से किया था। हालांकि एलजी ने कैलाश गहलोत को यह दायित्व सौंपा था।

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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ली शिक्षा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर जन्मी आतिशी ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल (Springdale School) से की। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास की पढ़ाई की, जहां वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले स्थान पर रहीं। इसके बाद Chevening scholarship पर मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय चली गईं। कुछ साल बाद उन्होंने एजुकेशन रिसर्च में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।

मध्य प्रदेश के गांव में बिताए 7 साल

शिक्षा हासिल करने बाद समाज में बदलाव लाने का जुनून आतिशी को राजनीति में ले आया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए हैं, जहां वह जैविक खेती और प्रोग्रेसिव एजुकेशन सिस्टम से जुड़ी रहीं। उन्होंने वहां कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया, जहां आम आदमी पार्टी के सदस्यों से उनकी मुलाकात हुई। वर्ष 2015 में नर्मदा बचाओ आंदोलन के अंतर्गत खंडवा जिले के घोघलगांव में हुए जल सत्याग्रह में वह शामिल हुई थीं।