Delhi Liquor Case: क्या है दिल्ली का ‘शराब घोटाला’ मामला? जिसमें गिरफ्तार हुए सीएम केजरीवाल, जानें

Delhi Chief minister arvind kejriwal arrested: सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर दिल्ली शराब घोटाला मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। तो आइए जानते हैं दिल्ली ‘शराब घोटाला’ मामला क्या है।


Delhi Liquor Policy Case: मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली। इसके बाद ही ईडी सीएम केजरीवाल के घर पहुंच गई और पूछताछ की। जिसके बाद ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में हैं। ऐसे में अब सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। तो आईये जानते हैं आखिर शराब घोटाला क्या है? नई शराब नीति क्या थी और इसमें किस तरह से भ्रष्टाचार के आरोप हैं?

आखिर क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति?

दरअसल, 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए। हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। लेकिन ये पॉलिसी दिल्ली सरकार के लिए आफत बन गई। यही नहीं दिल्ली सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी थी। इसके तहत जिस एल-1 लाइसेंस को हासिल करने के लिए पहले 25 लाख रुपए देने होते थे। नई नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपए चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी के लाइसेंस की फीस भी जरूरत से ज्यादा बढ़ा दी गई।

कब हुआ मामले का खुलासा?

शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए।

सरकारी राजस्व में भारी कमी होने का आरोप

आरोप लगा कि सरकार की नई नीति से राजस्व में भारी कमी हुई। पहले जहां 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपए में मिलती थी। उसे बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपए का मुनाफा होता था जबकि 223.89 रुपए उत्पाद कर और 106 रुपए वैट के रूप में सरकार को मिलता था। इस हिसाब से सरकार को हर एक बोतल पर 329.89 रुपए का फायदा होता था। सरकार की नई नीति आने के बाद 750 एमएल की बोतल का दाम 530 रुपए से बढ़ाकर 560 रुपए कर दिया गया। इससे रिटेल करोबी का मुनाफा 33.35 से बढ़कर सीधे 363.27 रुपए पहुंच गया। यानि रिटेल कारोबारियों को सीधे 10 गुना का फायदा होने लगा। वहीं सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपए का फायदा घटकर 3.78 पैसे रह गया। इसमें 1.88 रुपए उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपए वैट शामिल है।

सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को किया था केस दर्ज 

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था। मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

कौन-कौन गिरफ्तार हुए हैं?

दिल्ली की शराब नीति केस में अब तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, कारोबारी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत 15 गिरफ्तार हो चुके हैं। इस केस में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। तब से वह तिहाड़ जेल में हैं। शराब नीति घोटाले में संजय सिंह का नाम पहली बार दिसंबर 2022 में सामने आया था। तब ईडी ने चार्जशीट में कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के हिस्से के रूप में आप नेता के नाम का उल्लेख किया गया था। दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीआरएस नेता और केसीआर की बेटी के. कविता को भी गिरफ्तार कर लिया था।

कैसे फंसते गए सीएम केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा था। ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था। ईडी की ओर से जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल, आरोपियों के संपर्क में थे। ईडी की ओर से दावा किया गया है कि इस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू के बयान भी दर्ज किए। बुची बाबू ने बयान दिया है कि के कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच पहले से संबंध में बात हो चुकी थी। यही नहीं इसे लेकर कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी।

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इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उसने बताया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी। इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था।